रचना के आधार पर वाक्य भेद
अर्थ एवं परिभाषा
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भाषा की सबसे छोटी इकाई वर्ण है, वर्णों के मेल से शब्द बनते हैं और शब्दों के मेल से वाक्य। वाक्य भाषा की प्रधान इकाई है । किसी भी भाषा में मन के विचारों और भावों का आदान-प्रदान वाक्यों के द्वारा ही संभव होता है । जिस प्रकार वर्णों के सार्थक समूह ही शब्द होते हैं, उसी प्रकार शब्दों के भी सार्थक और व्यवस्थित समूह वाक्य कहलाते हैं । सार्थक शब्दों का व्यवस्थित समूह, जिससे अपेक्षित अर्थ पूर्ण रूप से प्रकट होता है, वाक्य कहलाता है । जब भी हमें अपने मन की बात दूसरों तक पहुँचानी होती है या किसी से बातचीत करनी होती है, तो हम वाक्यों का सहारा लेकर ही बोलते हैं । यद्यपि वाक्य विभिन्न शब्दों (पदों) के योग से बनता है और हर शब्द का अपना अलग अर्थ भी होता है, पर वाक्य में आए सभी घटक मिलकर एक पूरा विचार या संदेश प्रकट करते हैं । वाक्य छोटा हो या बड़ा, वह किसी न किसी विचार या भाव को पूरी तरह व्यक्त करने की क्षमता रखता है । अतः ऐसा सार्थक शब्द समूह जो व्यवस्थित हो तथा पूरा आशय प्रकट कर सके, वाक्य कहलाता है । वाक्य के संबंध में निम्नलिखित बातों की जानकारी होना आवश्यक है:
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- वाक्य की रचना शब्दों (पदों) के योग से होती है ।
- वाक्य अपने में पूर्ण तथा स्वतंत्र होता है ।
- वाक्य किसी न किसी भाव या विचार को पूरी तरह प्रकट कर पाने में सक्षम होता है ।
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उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति कहता है “सफेद जूते”, तो इसे वाक्य नहीं कहा जा सकता, क्योंकि यहाँ पर किसी ऐसे विचार या संदेश का ज्ञान नहीं होता जिसे वक्ता बताना चाहता हो, जबकि “मुझे सफेद जूते खरीदने हैं” एक पूर्ण वाक्य है क्योंकि यहाँ सफेद जूतों के विषय में बोलने वाले का भाव स्पष्टतः प्रकट हो रहा है ।
कुछ विद्वानों ने वाक्य को निम्न प्रकार परिभाषित किया है:
- एक पूर्ण विचार व्यक्त करने वाला शब्द समूह वाक्य कहलाता है ।
- वाक्य भाषा की वह सहज इकाई है जिसमें एक या अधिक शब्द (पद) होते हैं और जो अर्थ की दृष्टि से पूर्ण हों या अपूर्ण, व्याकरणिक दृष्टि से अपने विशिष्ट सन्दर्भ में अवश्य पूर्ण होती है, साथ ही उसमें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कम से कम एक समापिका क्रिया अवश्य होती है ।
- वाक्य विशिष्ट क्रम से सजाए हुए ऐसे सार्थक शब्दों का समूह है जिसमें परस्पर योग्यता, आकांक्षा, अन्वय तथा आसक्ति हो ।
वाक्य के अंग
प्रत्येक वाक्य के दो खंड अथवा अंग होते हैं:
- उद्देश्य
- विधेय
उद्देश्य: वाक्य में कर्ता या उसके विस्तार या जिस व्यक्ति या वस्तु के बारे में कहा जाए, उसे उद्देश्य कहते हैं । मुख्य रूप से कर्ता ही वाक्य में उद्देश्य कहलाता है । जैसे- “मोहन बाजार जा रहा है” । इस वाक्य में जो कुछ भी लिखा गया है वह मोहन के विषय में है , इसलिए इस वाक्य में मोहन ही वाक्य का उद्देश्य है ।
विधेय: वाक्य में कर्ता या उद्देश्य के बारे में जो कुछ भी कहा जाए, उसे विधेय कहते हैं । साधारणतः कर्ता उद्देश्य होता है और क्रिया विधेय होती है । जैसे- “मोहन बाजार जा रहा है” । इस वाक्य में मोहन उद्देश्य है । वाक्य में शेष अंश “बाजार जा रहा है”, मोहन के बारे में कहा गया है, इसलिए यह वाक्य का विधेय है ।
कुछ अन्य उदाहरण
वाक्य | उद्देश्य | विधेय |
सीता गाना गा रही है | सीता | गाना गा रही है। |
महात्मा गांधी हमारे प्रिय नेता थे। | महात्मा गांधी | हमारे प्रिय नेता थे। |
हमारे प्रिय नेता राजीव गांधी की हत्या कर दी गई। | हमारे प्रिय नेता राजीव गांधी | की हत्या कर दी गई। |
मैं कल दिल्ली जाऊँगा | मैं | कल दिल्ली जाऊँगा। |
उद्देश्य और विधेय का विस्तार
वास्तव में केवल क्रिया ही विधेय कही जाती है और क्रिया का कर्ता उद्देश्य कहलाता है, किंतु जो शब्द उद्देश्य और विधेय की विशेषता प्रकट करते हैं अथवा उनके अर्थ में वृद्धि करते हैं, वे
विस्तारक कहलाते हैं ।
उद्देश्य के विस्तारक: उद्देश्य के अर्थ में विशेषता प्रकट करने के लिए जो शब्द अथवा वाक्यांश उसके साथ जोड़े जाते हैं, वे उद्देश्य-विस्तारक कहलाते हैं । जैसे-
- काली गाय घास चरती है ।
- कमल का भाई मूर्ख है ।
- पड़ोस में रहने वाले शर्मा जी विदेश चले गए ।
उपर्युक्त वाक्यों में गाय, भाई तथा शर्मा जी, उद्देश्य हैं, तथा काली, कमल का तथा पड़ोस में रहने वाले, ये तीनों क्रमशः उन तीनों उद्देश्यों के अर्थ में वृद्धि करने के कारण उद्देश्य के विस्तारक हैं । ऊपर के वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़ने पर यह भी पता चलता है कि उद्देश्य-विस्तार शब्द प्रायः विशेषण, संबंधकारक या विशेषण वाक्य होते हैं । प्रथम वाक्य में काली शब्द विशेषण है, दूसरे वाक्य में कमल का संबंध कारक है और पड़ोस में रहने वाले वाक्यांश है, जो कि विशेषण की तरह प्रयुक्त हुआ है ।
विधेय के विस्तारक: विधेय के अर्थ में विशेषता लाने वाले शब्द विधेय-विस्तारक कहलाते हैं ।
जैसे-
- घोड़ा तेज दौड़ रहा है ।
- भावेश परिश्रमी है ।
- राघव खाकर सो जाएगा ।
- विदेशियों ने भारत पर आक्रमण कर दिया ।
उपर्युक्त वाक्यों में दौड़ रहा है, है, जाएगा तथा कर दिया ये चारों विधेय हैं, तथा तेज, परिश्रमी, खाकर, भारत पर आक्रमण ये सभी विधेय-विस्तारक हैं । इनमें तेज क्रिया विशेषण, परिश्रमी पूरक, खाकर पूर्वकालिक क्रिया, भारत पर अधिकरण कारक तथा आक्रमण शब्द कर्म है । यही विधेय विस्तारक हैं । इन विधेय विस्तारक शब्दों पर विचार करने से यह स्पष्ट होता है कि क्रिया-विशेषण, पूरक, पूर्वकालिक क्रिया, करण से लेकर अधिकरण तक के कारकों में से कोई कारक और सकर्मक क्रिया का कर्म विधेय-विस्तारक हो सकते हैं ।
रचना के आधार पर वाक्य के प्रकार
रचना के आधार पर वाक्यों के तीन प्रकार होते हैं, जो निम्न प्रकार हैं:
- साधारण वाक्य
- मिश्र/मिश्रित वाक्य
- संयुक्त वाक्य
साधारण वाक्य: जिस वाक्य में एक मुख्य क्रिया हो, उसे साधारण वाक्य कहते हैं । इस तरह के वाक्यों में अधिकतर क्रिया की तरह कर्ता भी एक ही होता है । जैसे- पानी बरस रहा है । बच्चे पानी में भीग रहे हैं । मोहन पुस्तकें खरीदकर घर होता हुआ, आपके पास पहुँचेगा । इस गाँव के लोग कसरत के शौकीन हैं । शिकारी ने वन में अपनी बन्दूक से शेर मारा । राम परीक्षा की तैयारी कर रहा है ।
उपर्युक्त सभी वाक्यों में मुख्य क्रिया एक है । अतः आकार में छोटे-बड़े होते हुए भी सभी वाक्य रचना की दृष्टि से साधारण वाक्य हैं । अतः इन्हें सरल वाक्य भी कहते हैं ।
मिश्र/मिश्रित वाक्य: जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य हो तथा अन्य एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य उससे जुड़े हों, उसे मिश्र वाक्य कहते हैं । इनमें मुख्य या प्रधान उपवाक्य प्रायः साधारण वाक्य ही होता है । यह स्वतंत्र होता है तथा अपने आप में पूर्ण होने के कारण अपना अर्थ स्वयं स्पष्ट करता है, अन्य आश्रित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य की पुष्टि या समर्थन या विस्तार करते हैं । इस प्रकार ये प्रधान उपवाक्य पर आश्रित रहते हैं । जैसे- मालिक ने कहा कि कल की छुट्टी रहेगी । श्यामलाल जो गाँधी गली में रहता है, मेरा मित्र है । हिरण ही ऐसा वन्य पशु है, जो कुलाचें भरता है । यह वही भारत देश है, जिसे कभी सोने की चिड़िया कहा जाता था ।
उपवाक्य
मिश्र वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य (मुख्य उपवाक्य) होता है तथा अन्य आश्रित उपवाक्य (गौण उपवाक्य) होते हैं । उपर्युक्त उदाहरणों में सभी आश्रित उपवाक्य व्यधिकरण समुच्चयबोधक (कि, जो, जिसे) अव्ययों से जुड़े हुए हैं ।
प्रधान उपवाक्य तथा आश्रित उपवाक्य की पहचान: प्रधान उपवाक्य वह उपवाक्य होता है जिसकी क्रिया मुख्य होती है । आश्रित उपवाक्यों का प्रारंभ प्रायः कि, जो, जैसे, यदि, ताकि, क्योंकि आदि से होता है । मिश्र वाक्य का सरल वाक्य में रूपांतरण करने पर जो क्रिया वाक्य के अंत में बनी रहेगी, वह प्रधान उपवाक्य होगा । जैसे-
- मिश्र वाक्य: मोहन परिश्रम करता तो अवश्य सफल होता ।
- सरल वाक्य: मोहन परिश्रम करने पर अवश्य सफल होता ।
इस वाक्य के अंत में सफल होता क्रिया है, अतः अवश्य सफल होता प्रधान उपवाक्य है। इस प्रकार स्पष्ट हो गया कि जिस वाक्य की क्रिया वाक्य के अंत में बनी रहती है, वह प्रधान उपवाक्य होता है ।
संयुक्त वाक्य
जहाँ दो या दो से अधिक उपवाक्य किसी समुच्चयबोधक (योजक) अव्यय शब्द से जुड़े हों, वे संयुक्त वाक्य कहलाते हैं । संयुक्त वाक्य सदैव सरल या मिश्रित वाक्यों के मिलने से विशेष रूप से संयोजक अवयवों द्वारा मिलाये जाने पर अस्तित्व में आते हैं । जैसे-
- हमने सुबह से शाम तक बाजार की खाक छानी, किन्तु काम नहीं बना ।
- मैं नित्य व्यायाम करता हूँ और स्नान करता हूँ ।
- आप कुछ पिएँगे या आपके लिए भोजन ले आऊँ ।
- समय बहुत खराब है, इसलिए देखकर चलना चाहिए ।
- श्याम खाना खा चुका है और अब वह सोना चाहता है ।
- राम यहाँ पेन्सिल लेने आया था या उसका कुछ और उद्देश्य था ।
उपर्युक्त उदाहरणों में उपवाक्य किन्तु, या और इसलिए अव्यय शब्दों से जुड़े हुए हैं । यदि इन योजक शब्दों को हटा दिया जाए तो प्रत्येक वाक्य में दो-दो स्वतंत्र वाक्य हैं । योजकों की सहायता से जुड़े हुए ऐसे वाक्यों को संयुक्त वाक्य कहते हैं । संयुक्त वाक्य को बनाने वाले वाक्य एक-दूसरे पर आश्रित नहीं होते, अतः इन्हें
समानाधिकरण वाक्य कहते हैं और ये समानाधिकरण वाक्य समुच्चयबोधकों द्वारा जुड़े होते हैं । इन समुच्चयबोधकों के चार भेदों के कारण संयुक्त वाक्य भी चार प्रकार के माने जाते हैं:
- संयोजक
- विरोधदर्शक
- विकल्प सूचक (विभाजक)
- परिणामबोधक (हेतु सूचक)
संयोजक: इनमें एक वाक्य दूसरे के साथ संयोजक समुच्चयबोधक द्वारा जुड़ा रहता है । इनमें प्रायः और, तथा, एवं का प्रयोग होता है । जैसे-
- तुम गए और वह आ गया ।
- स्नान से शरीर शुद्ध होता है और सत्य से मन ।
विरोधदर्शक: इनमें वाक्यों का एक-दूसरे से भेद या विरोध का संबंध रहता है । जैसे-
- मैंने उसे बहुत समझाया परन्तु वह नहीं माना ।
- वह नालायक है, फिर भी उसे नौकरी मिल गई ।
- प्रिय बोलना चाहिए पर असत्य नहीं ।
विकल्प सूचक (विभाजक): जिस वाक्य में दो स्थितियों के बीच विकल्पसूचक समुच्चयबोधक का प्रयोग होता है, वह विकल्पसूचक संयुक्त वाक्य होता है । ये शब्दों, पदबंधों और वाक्यों में विकल्प प्रकट करते हुए उन्हें मिलाते हैं । इसे विभाज्य संयुक्त वाक्य भी कहा जाता है । जैसे-
- तुम नहीं जा सकते तो मोहन को भेज दो ।
- पहला प्रश्न करो अथवा दूसरा ।
परिणामबोधक (हेतु सूचक): इनमें एक वाक्य दूसरे का परिणाम होता है । ये अव्यय पहले उपवाक्य तथा उसके परिणाम का संकेत करने वाले अन्य उपवाक्यों को परस्पर जोड़ते हैं । जैसे-
- आज मैं बहुत थका हूँ, इसलिए तुम्हें पढ़ा न सकूँगा ।
- ध्यानपूर्वक सुनो अन्यथा पाठ समझ में नहीं आएगा ।
उपवाक्य
जब किसी वाक्य में एक से अधिक वाक्यों का प्रयोग किया जाता है, तब वे किसी न किसी योजक से जुड़े होते हैं, वे सब वाक्य न रहकर उपवाक्य कहलाते हैं ।
उपवाक्य के प्रकार
उपवाक्य तीन प्रकार के होते हैं:
- स्वतंत्र उपवाक्य
- प्रधान उपवाक्य
- आश्रित उपवाक्य
स्वतंत्र उपवाक्य: जो उपवाक्य किसी पर आश्रित न होकर अपने आप में स्वतंत्र होता है, उसे स्वतंत्र उपवाक्य कहते हैं । स्वतंत्र उपवाक्य, संयुक्त वाक्यों में होते हैं । जैसे-
“दशरथ के चार पुत्र थे और चारों पुत्रों पर उनका समान स्नेह था” ।
उपर्युक्त वाक्य में “दशरथ के चार पुत्र थे” स्वतंत्र समानाधिकरण उपवाक्य है ।
प्रधान उपवाक्य: मिश्र वाक्य के मुख्य उद्देश्य और मुख्य विधेय से जो वाक्य बनता है, उसे प्रधान उपवाक्य कहते हैं । प्रधान उपवाक्य यद्यपि दूसरे वाक्यों से जुड़ा रहता है, तथापि अर्थ और भाव में स्वतंत्र होता है । प्रधान उपवाक्य, मिश्र वाक्यों में होते हैं । जैसे-
“मोहन ने कहा कि मैं आज विद्यालय जाऊँगा” । उपर्युक्त वाक्य में “मोहन ने कहा” प्रधान उपवाक्य है ।
आश्रित उपवाक्य: जिस उपवाक्य का अर्थ प्रधान उपवाक्य पर आश्रित रहता है, उसे आश्रित उपवाक्य कहते हैं । आश्रित उपवाक्य, मिश्र वाक्यों में होते हैं । जैसे-
“मोहन ने कहा कि मैं आज विद्यालय जाऊँगा” । उपर्युक्त वाक्य में “मैं आज विद्यालय जाऊँगा” आश्रित उपवाक्य है ।
मिश्र वाक्यों में प्रयुक्त होने वाले आश्रित उपवाक्य तीन प्रकार के होते हैं:
- संज्ञा आश्रित उपवाक्य
- विशेषण आश्रित उपवाक्य
- क्रिया-विशेषण आश्रित उपवाक्य
संज्ञा आश्रित उपवाक्य: जो प्रधान उपवाक्य की संज्ञा अथवा संज्ञा पदबंध के स्थान पर प्रयुक्त हुआ हो, उसे संज्ञा उपवाक्य कहते हैं । जैसे- “मेरी इच्छा है कि मैं पढ़-लिखकर हिंदी व्याख्याता बनूँ” । उपर्युक्त वाक्य में “मैं पढ़-लिखकर हिंदी व्याख्याता बनूँ” आश्रित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य की क्रिया है का कर्ता है, अतः यह संज्ञा आश्रित उपवाक्य है ।
विशेषण आश्रित उपवाक्य: प्रधान उपवाक्य के किसी संज्ञा सर्वनाम शब्द की विशेषता बताने वाला उपवाक्य विशेषण उपवाक्य कहलाता है । विशेषण आश्रित उपवाक्य का प्रारंभ जो, जिसने, जिसे, जिसको, जिनको, जिनके लिए आदि से होता है । जैसे- “मैंने एक व्यक्ति देखा जो बहुत लम्बा था” । उपर्युक्त वाक्य में “मैंने एक व्यक्ति देखा” प्रधान उपवाक्य है तथा “जो बहुत लम्बा था” विशेषण आश्रित उपवाक्य है ।
क्रिया-विशेषण आश्रित उपवाक्य: जिस आश्रित उपवाक्य का प्रयोग क्रिया-विशेषण की तरह किया जाता है, अर्थात् जो आश्रित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य की विशेषता बताता है, उसे क्रिया-विशेषण आश्रित उपवाक्य कहते हैं । क्रिया-विशेषण आश्रित उपवाक्य में प्रायः वैसे-वैसे, जैसे-जैसे, क्योंकि-इसलिए, जिधर-उधर, ज्यों ही-त्यों ही, जैसे-वे, जब तक, जब-तो, जहाँ-वहाँ, यदि-तो शब्दों का प्रयोग होता है । जैसे- “जहाँ-जहाँ हम गए, हमारा स्वागत हुआ” । उपर्युक्त वाक्य में “हमारा स्वागत हुआ” प्रधान उपवाक्य है और “जहाँ-जहाँ हम गए” क्रिया-विशेषण आश्रित उपवाक्य है ।
वाक्यों का रूपांतरण
किसी वाक्य को बिना अर्थ बदले, दूसरे वाक्य में बदलने की क्रिया को वाक्य परिवर्तन या रूपांतरण की क्रिया कहते हैं । दुनिया की हर एक भाषा में किसी एक विचार को कई प्रकार से बिना अर्थ बदले व्यक्त कर देने की सुविधा है । यह कला व्याकरण के क्षेत्र में वाक्य रूपांतरण कहलाती है । हिंदी व्याकरण भी इस रूपांतरण कला से वंचित नहीं है ।
रचना के आधार पर वाक्य रूपांतरण
साधारण वाक्य से संयुक्त वाक्य में रूपांतरण:
साधारण वाक्य | संयुक्त वाक्य |
बालक रोकर चुप हो गया। | बालक रोता रहा और चुप हो गया। |
कठोर बन कर भी सहृदय बनो। | कठोर बनो परन्तु सहृदय बनो। |
वह फल खरीदने के लिए बाजार गया। | उसे फल खरीदने थे इसलिए वह बाजार गया। |
आप द्वार पर बैठकर उसकी प्रतीक्षा करें। | आप द्वार पर बैठें और उसकी प्रतीक्षा करें। |
सन्यासी आशीर्वाद देकर अन्तर्ध्यान हो गया। | सन्यासी ने आशीर्वाद दिया और वह अन्तर्ध्यान हो गया। |
साधारण वाक्य से मिश्र वाक्य में रूपांतरण:
साधारण वाक्य | मिश्र वाक्य |
स्वावलम्बी व्यक्ति सदा सुखी रहते हैं। | जो व्यक्ति स्वावलम्बी होते हैं वे सदा सुखी रहते हैं। |
धनी व्यक्ति हर वस्तु खरीद सकता है। | जो व्यक्ति धनी है वह हर वस्तु खरीद सकता है। |
तुम गाड़ी रुकने के स्थान पर चले जाओ। | तुम वहाँ चले जाओ जहाँ गाड़ी रुकती है। |
वह जूते खरीदने के लिए बाजार गया। | क्योंकि उसे जूते खरीदने थे इसलिए वह बाजार गया। |
टोपी वाला बाबू कहाँ गया? | जिसने टोपी पहन रखी थी, वह बाबू कहाँ गया? |
संयुक्त वाक्य से साधारण वाक्य में रूपांतरण:
संयुक्त वाक्य | साधारण वाक्य |
तुम बाहर गए और वह सो गया | तुम्हारे बाहर जाते ही वह सो गया |
माँ ने मारा तो बालक रूठ गया | माँ के मारने पर बालक रूठ गया। |
वह बाजार गया और केले लाया | वह बाजार जाकर केले लाया। |
शशि गा रही है और नाच रही है | शशि गा और नाच रही है |
उसने अध्ययन किया और परीक्षा में उत्तीर्ण हुआ। | वह अध्ययन करके परीक्षा में उत्तीर्ण हुआ। |
मिश्र वाक्य से साधारण वाक्य में रूपांतरण:
मिश्र वाक्य | साधारण वाक्य |
रोगी ने ज्यों ही दवाई पी उसे उल्टी हो गई। | रोगी को दवाई पीते ही उल्टी हो गई। |
वह मुझसे कहता है कि आओ | वह मुझे आने के लिए कहता है। |
उसने मुझसे कहा है कि मैं परिश्रमी हूँ। | उसने स्वयं को परिश्रमी कहा। |
जब तक डॉक्टर पहुँचा, रोगी मर चुका था। | डॉक्टर के पहुँचने तक रोगी मर चुका था। |
यदि तुम परिश्रम करोगे तो सफल होगे। | तुम परिश्रम करने पर सफल होंगे। |
मिश्र वाक्य से संयुक्त वाक्य में रूपांतरण:
मिश्र वाक्य | संयुक्त वाक्य |
सुषमा इसलिए स्कूल नहीं गई क्योंकि वह बीमार है। | सुषमा बीमार है इसलिए स्कूल नहीं गई। |
मेरे पिताजी वे हैं जो पलंग पर लेटे हैं। | वे मेरे पिताजी हैं जो पलंग पर लेटे हैं। |
जो विद्यार्थी परिश्रमी होता है वह अवश्य सफल होता है। | विद्यार्थी परिश्रमी होता है तो अवश्य सफल होता है। |
यदि आप उससे मिलना चाहते हैं तो द्वार पर प्रतीक्षा करें। | आप उससे मिलना चाहते हैं अतः द्वार पर प्रतीक्षा करें। |
संगम उस स्थान को कहते हैं जहाँ दो नदियाँ आकर मिलती हैं। | यहाँ दो नदियाँ आकर मिलती हैं तथा इसे संगम कहते हैं। |
संयुक्त वाक्य से मिश्र वाक्य में रूपांतरण:
संयुक्त वाक्य | मिश्र वाक्य |
राधा ने कहानी सुनाई और मीरा रो पड़ी। | राधा ने ऐसी कहानी सुनाई कि मीरा रो पड़ी। |
तुम महान हो क्योंकि सच बोलते हो। | तुम इसलिए महान हो क्योंकि सच बोलते हो। |
उसने कठिन परिश्रम किया और उत्तीर्ण हो गया | वह इसलिए उत्तीर्ण हो गया क्योंकि उसने कठिन परिश्रम किया। |
मेरे पास गोदान है जिसके लेखक मुंशी प्रेमचन्द हैं। | मेरे पास गोदान नामक वह उपन्यास है जिसके लेखक मुंशी प्रेमचन्द हैं। |
वह बुद्धिमान है इसलिए उसे सोच-समझकर कार्य करना चाहिए। | क्योंकि वह बुद्धिमान है इसलिए उसे सोच-समझकर कार्य करना चाहिए। |
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- उद्देश्य और विधेय के अंग हैं।
- (क) वाक्यांश
- (ख) वाक्य
- (ग) रचना
- (घ) शब्द
- उत्तर: (ख) वाक्य
- जिस वाक्य में एक उद्देश्य और केवल एक ही विधेय हो, वाक्य होता है-
- (क) संयुक्त वाक्य
- (ख) मिश्र वाक्य
- (ग) सरल वाक्य
- (घ) ये सभी
- उत्तर: (ग) सरल वाक्य
- यदि संयुक्त वाक्य का योजक अव्यय हटा दिया जाये तो कौनसा वाक्य कहलाएगा?
- (क) मिश्र वाक्य
- (ख) सरल वाक्य
- (ग) अपूर्ण वाक्य
- (घ) आज्ञार्थक वाक्य
- उत्तर: (ख) सरल वाक्य
- एक प्रधान उपवाक्य के शेष आश्रित उपवाक्य होने पर वह वाक्य कहलाएगा-
- (क) सरल वाक्य
- (ख) मिश्र वाक्य
- (ग) संयुक्त वाक्य
- (घ) क्रिया-विशेषण वाक्य
- उत्तर: (ख) मिश्र वाक्य
- संयुक्त वाक्य कहलाता है जब-
- (क) समुच्चय द्वारा जुड़े होने पर
- (ख) एक प्रधान वाक्य और अन्य आश्रित वाक्य
- (ग) एक ही उद्देश्य व एक विधेय होने पर
- (घ) एक क्रिया होने पर
- उत्तर: (क) समुच्चय द्वारा जुड़े होने पर
- उपवाक्य कहा जाता है-
- (क) जिसमें योजक शब्द हों
- (ख) जिसमें दो क्रियाएँ हों
- (ग) जिसमें एक विधेय हो
- (घ) संयुक्त या मिश्र वाक्य का खण्ड
- उत्तर: (घ) संयुक्त या मिश्र वाक्य का खण्ड
- उपवाक्य के भेद होते हैं-
- (क) दो
- (ख) तीन
- (ग) चार
- (घ) पाँच
- उत्तर: (ख) तीन
- अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद होते हैं-
- (क) चार
- (ख) पाँच
- (ग) छह
- (घ) आठ
- उत्तर: (घ) आठ
- रचना के आधार पर वाक्य के भेद होते हैं-
- (क) तीन
- (ख) चार
- (ग) दो
- (घ) छह
- उत्तर: (क) तीन
- निम्नलिखित वाक्यों में से संयुक्त वाक्य है-
- (क) जैसे ही उसने मुझे देखा, वह खिसक गया
- (ख) जब उसने मुझे देखा तो वह खिसक गया
- (ग) उसने मुझे देखा और वह खिसक गया
- (घ) मुझे देखते ही वह खिसक गया
- उत्तर: (ग) उसने मुझे देखा और वह खिसक गया
- ‘कार्य पूरा करके मजदूर घर चले गए।’ वाक्य का भेद है-
- (क) सरल वाक्य
- (ख) मिश्र वाक्य
- (ग) संयुक्त वाक्य
- (घ) इनमें से कोई नहीं
- उत्तर: (क) सरल वाक्य
- निम्नलिखित वाक्यों में संयुक्त वाक्य है-
- (क) गाड़ी रूकने की जगह खडे रहो
- (ख) हम स्टेशन पहुँचे और गाड़ी चल दी
- (ग) जो लोग परिश्रम करते हैं, वे निराशा से बचे रहते हैं
- (घ) वह कपड़े खरीदने बाजार गई है
- उत्तर: (ख) हम स्टेशन पहुँचे और गाड़ी चल दी
- ‘सुनील दो दिन हमारे घर पर रहा और सबका प्रिय हो गया।’ वाक्य का भेद है-
- (क) सरल वाक्य
- (ख) मिश्र वाक्य
- (ग) संयुक्त वाक्य
- (घ) इनमे से कोई नही
- उत्तर: (ग) संयुक्त वाक्य
- ‘ज्यों ही वह पहुँचा, वर्षा होने लगी।’ इस वाक्य का सरल वाक्य में रूपांतरण होगा-
- (क) उसके पहुँचते ही वर्षा होने लगी
- (ख) वह पहुँचा और वर्षा होने लगी
- (ग) जैसे ही वह पहुँचा, वैसे ही वर्षा होने लगी
- (घ) वह पहुँचा इसलिए वर्षा होने लगी
- उत्तर: (क) उसके पहुँचते ही वर्षा होने लगी
- ‘तुम वहाँ जाओ और उसे लेकर आओ’ इस वाक्य का भेद है-
- (क) मिश्र वाकय
- (ख) सरल वाक्य
- (ग) संयुक्त वाक्य
- (घ) इनमें से कोई नहीं
- उत्तर: (ग) संयुक्त वाक्य
- राजू हिंदी पढ़ने के लिए शास्त्री जी के घर गया। इस वाक्य का मिश्र वाक्य में रूपांतरण होगा-
- (क) राजू शास्त्री जी के घर गया क्योंकि उसे हिंदी पढ़नी थी
- (ख) राजू ने शास्त्री जी के घर जाकर हिंदी पढ़ी
- (ग) राजू शास्त्री के घर गया और हिंदी पढ़ी
- (घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
- उत्तर: (क) राजू शास्त्री जी के घर गया क्योंकि उसे हिंदी पढ़नी थी
- निम्नलिखित वाक्यों में संयुक्त वाक्य है-
- (क) जबसे मीरा लौटी है, उदास है
- (ख) सूर्योदय हुआ और सारा गाँव जाग गया
- (ग) उनसे मिलने के लिए आप प्रतीक्षा करें
- (घ) उसे विश्वास है कि वह जीतेगा
- उत्तर: (ख) सूर्योदय हुआ और सारा गाँव जाग गया
- ‘सरला ने कहा कि वह कक्षा में प्रथम रही।’ इस वाक्य का भेद है-
- (क) सरल वाक्य
- (ख) संयुक्त वाक्य
- (ग) मिश्र वाक्य
- (घ) प्रधान वाक्य
- उत्तर: (ग) मिश्र वाक्य
- ‘जापान में चाय पीने की एक विधि है, जिसे चा-नो-यू कहते हैं।’ वाक्य का सरल वाक्य में रूपांतरण होगा-
- (क) जापान में चाय पीने की विधि को चा-नो-यू कहते हैं
- (ख) जापान में चाय पीने की विधि है और उसे चा-नो-यू कहते हैं।
- (ग) जापान में जो चाय पीने की विधि है, उसे चा-नो-यू कहते हैं
- (घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
- उत्तर: (क) जापान में चाय पीने की विधि को चा-नो-यू कहते हैं
- ‘मै सफल हुआ और कक्षा में प्रथम स्थान पर आया।’ वाक्य का सरल वाक्य में रूपांतरण होगा-
- (क) मै सफल होकर कक्षा मे प्रथम स्थान पर आया
- (ख) मैं सफल हुआ, इसलिए कक्षा प्रथम आया
- (ग) यदि मैं सफल होता तो कक्षा मे प्रथम स्थान पर आता
- (घ) क्योंकि मैं सफल हुआ, इसलिए प्रथम स्थान पर आया
- उत्तर: (क) मै सफल होकर कक्षा मे प्रथम स्थान पर आया
- ‘अनिता ने कहा कि वह कक्षा मे प्रथम रही।’ वाक्य का भेद है-
- (क) सरल वाक्य
- (ख) संयुक्त वाक्य
- (ग) मिश्र वाक्य
- (घ) प्रधान वाक्य
- उत्तर: (ग) मिश्र वाक्य
- ‘अंकित गाँव जाकर बीमार हो गया।’ वाक्य का मिश्र वाक्य में रूपांतरण है-
- (क) अंकित गाँव गया और बीमार हो गया
- (ख) गाँव जाने पर अंकित बीमार हो गया
- (ग) अंकित गाँव गया इसलिए बीमार हो गया
- (घ) जब अंकित गाँव गया तब बीमार हो गया
- उत्तर: (घ) जब अंकित गाँव गया तब बीमार हो गया
- ‘बात करने में सब एक-से-एक बढ़कर हैं, लेकिन सही बात कोई नहीं बताता।’ वाक्य का भेद है-
- (क) मिश्र वाक्य
- (ख) सरल वाक्य
- (ग) सयुंक्त वाक्य
- (घ) प्रधान वाक्य
- उत्तर: (ग) सयुंक्त वाक्य
- ‘पढ़ने की इच्छा होने पर ही तुम यहाँ से जाओ।’ वाक्य का मिश्र वाक्य में रूपांतरण होगा-
- (क) पढ़ने की इच्छा हो तो यहाँ से जाओ
- (ख) जब पढ़ने की इच्छा हो तभी तुम यहाँ से जाओ
- (ग) पढ़ने की इच्छा होगी तो यहाँ से जाना
- (घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
- उत्तर: (ख) जब पढ़ने की इच्छा हो तभी तुम यहाँ से जाओ
- ‘नूह ने उसकी बात सुनी और दुःखी हो मुद्दत एक रोते रहें।’ इस वाक्य का सरल वाक्य के रूप में रूपांतरित वाक्य है-
- (क) जब नूह ने उसकी बात सुनी तब वे दुःखी हो गए और मुद्दत तक रोते रहे।
- (ख) नूह उसकी बात सुनकर दुःखी हो मुद्दत तक रोते रहे।
- (ग) नूह ने दुःखी होकर उसकी बात सुनी और मुद्दत तक होते रहे।
- (घ) चूँकि नूह ने उसकी बात सुनी इसलिए वे दुःखी हो मुद्दत तक रोते रहे।
- उत्तर: (ख) नूह उसकी बात सुनकर दुःखी हो मुद्दत तक रोते रहे।
- ‘जब असफल हो गए तो शोक करना व्यर्थ है।’ इस वाक्य का भेद हैं-
- (क) मिश्र वाक्य
- (ख) प्रधान वाक्य
- (ग) सरल वाक्य
- (घ) संयुक्त वाक्य
- उत्तर: (क) मिश्र वाक्य
- ‘तताँरा को देखकर वामीरो फूट-फूटकर रोने लगी।’ इस वाक्य का मिश्र वाक्य में रूपांतरण होगा-
- (क) तताँरा को देखा और वामीरो फूट-फूटकर रोने लगी।
- (ख) जैसे ही तताँरा को देखा, वीमोरा फूट-फूटकर रोने लगी।
- (ग) वीमोरो ने तताँरा को देखा, इसलिए फूट-फूटकर रोने लगी।
- (घ) तताँरा को देखते ही वीमारो ने फूट-फूटकर रोना आरंभ कर दिया।
- उत्तर: (ख) जैसे ही तताँरा को देखा, वीमोरा फूट-फूटकर रोने लगी।
- निम्नलिखित वाक्यों में संयुक्त वाक्य है-
- (क) संसार में रचना कैसे भी हुई हो लेकिन धरती किसी एक की नहीं है।
- (ख) सहसा नारियल के झुरमटों में उसे एक आकृति कुछ साफ हुई।
- (ग) बार-बार तताँरा का याचना भरा चेहरा उसकी आँखों में तैर जाता था।
- (घ) मेरे जीवन में यह पहली बार है मैं इस तरह से विचलित हुआ हूँ।
- उत्तर: (क) संसार में रचना कैसे भी हुई हो लेकिन धरती किसी एक की नहीं है।
- ‘वह दो दिन हमारे घर रहा और सबका प्रिय हो गया।’ वाक्य का भेद है-
- (क) सरल वाक्य
- (ख) मिश्र वाक्य
- (ग) संयुक्त वाक्य
- (घ) इनमें से कोई नहीं
- उत्तर: (ग) संयुक्त वाक्य
- ‘चूहे ने मोटा कालीन काट डाला।’ वाक्य का मिश्र वाक्य में रूपांतरण होगा-
- (क) चूहा आया और मोटा कालीन काट डाला
- (ख) चूहे ने आकर मोटा कालीन काट डाला
- (ग) जो मोटा कालीन था वह चूहे ने काट डाला
- (घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
- उत्तर: (ग) जो मोटा कालीन था वह चूहे ने काट डाला
- निम्नलिखित वाक्यों में से संयुक्त वाक्य है-
- (क) आपके बुलाने पर वह आ जाएगा
- (ख) जैसे ही पुलिस आई, गली में सन्नाटा छा गया
- (ग) वह केवल ईमानदार ही नहीं बल्कि विनम्र भी है
- (घ) ऐसा काम करो, जिसमें कुछ भलाई हो
- उत्तर: (ग) वह केवल ईमानदार ही नहीं बल्कि विनम्र भी है
- ‘मैं बाजार गया और सामान खरीदा।’ वाक्य का भेद है-
- (क) सरल वाक्य
- (ख) मिश्र वाक्य
- (ग) संयुक्त वाक्य
- (घ) आश्रित वाक्य
- उत्तर: (ग) संयुक्त वाक्य
- ‘वामीरो कुछ सचेत हुई और घर की तरफ दौड़ी।’ इस संयुक्त वाक्य को परिवर्तित करने पर सरल वाक्य होगा-
- (क) जैसे ही वामीरो सचेत हुई वैसे ही वह घर की तरफ दौड़ी
- (ख) वामीरो कुछ सचेत हुई और वह घर की तरफ दौड़ी
- (ग) वामीरो कुछ सचेत होने पर घर की तरफ दौड़ी
- (घ) सचेत वामीरो हुई तथा घर की तरफ दौड़ी
- उत्तर: (ग) वामीरो कुछ सचेत होने पर घर की तरफ दौड़ी
- ‘एक जमाना था कि लोग आठवाँ दरजा पास करके नायब तहसीलदार हो जाते थे।’ रचना की दृष्टि से वाक्य है-
- (क) सरल वाक्य
- (ख) संयुक्त वाक्य
- (ग) मिश्र वाक्य
- (घ) सामान्य वाक्य
- उत्तर: (ग) मिश्र वाक्य
- निम्नलिखित वाक्यों में मिश्र वाक्य है-
- (क) मेरे और भाई साहब के बीच अब केवल एक दरजे का अंतर और रह गया
- (ख) आखिर आदमी को कुछ तो अपनी पोजीशन का खयाल रखना चाहिए
- (ग) जब से माताजी ने प्रबंध अपने हाथ में ले लिया है, तब से घर में लक्ष्मी आ गई है
- (घ) मेरे रहते तुम बैराह न चलने पाओगे
- उत्तर: (ग) जब से माताजी ने प्रबंध अपने हाथ में ले लिया है, तब से घर में लक्ष्मी आ गई है
- ‘वीर सैनिक देश के लिए मर मिटता है, इसलिए वह सच्चा देशभक्त होता है।’ रचना के आधार पर वाक्य का भेद है-
- (क) सरल वाक्य
- (ख) संयुक्त वाक्य
- (ग) दीर्घ वाक्य
- (घ) मिश्र वाक्य
- उत्तर: (ख) संयुक्त वाक्य
- ‘छात्र स्कूल से घर आया और खेलने चला गया।’ इस वाक्य का मिश्र वाक्य में रूपांतरण होगा-
- (क) छात्र जब स्कूल से घर आया तो खेलने चला गया।
- (ख) छात्र स्कूल से घर आया इसलिए खेलने चला गया।
- (ग) छात्र स्कूल से घर आया, लेकिन खेलने चला गया।
- (घ) छात्र स्कूल से घर आकर खेलने चला गया।
- उत्तर: (क) छात्र जब स्कूल से घर आया तो खेलने चला गया।
- निम्नलिखित में से सरल वाक्य छाँटिए-
- (क) जो कुछ पढ़ो, उसका अभिप्राय समझो
- (ख) भाई साहब उपदेश देने की कला में निपुण थे
- (ग) मैं उनकी लताड़ सुनता और आँसू बहाने लगता
- (घ) वे तो वही देखते हैं जो पुस्तक में लिखा है
- उत्तर: (ख) भाई साहब उपदेश देने की कला में निपुण थे
- निम्नलिखित में से सरल वाक्य छाँटिए-
- (क) जो कुछ पढ़ो, उसका अभिप्राय समझो
- (ख) भाई साहब उपदेश देने की कला में निपुण थे
- (ग) मैं उनकी लताड़ सुनता और आँसू बहाने लगता
- (घ) वे तो वही देखते हैं जो पुस्तक में लिखा है
- उत्तर: (ख) भाई साहब उपदेश देने की कला में निपुण थे
- ‘बड़े भाई साहब ने भी उसी उम्र में पढ़ना शुरू किया था, जब मैंने शुरू किया था।’ रचना के आधार पर वाक्य है-
- (क) सरल वाक्य
- (ख) संयुक्त वाक्य
- (ग) मिश्रित वाक्य
- (घ) विधानवाचक वाक्य
- उत्तर: (ग) मिश्रित वाक्य
- ‘सालाना इम्तिहान में मैं पास हो गया और दरजे में प्रथम आया।’ रूपांतरित करने पर इस वाक्य का मिश्र वाक्य होगा-
- (क) सालाना इम्तिहान में मैं पास होकर दरजे में प्रथम आया
- (ख) सालाना इम्तिहान हुआ, मैं पास हो गया और दरजे में प्रथम आया
- (ग) मैं पास हो गया और दरजे में प्रथम आया क्योंकि सालाना इम्तिहान हुआ
- (घ) जब सालाना इम्तिहान हुआ तो मैं उसमें पास हो गया और दरजे में प्रथम आया
- उत्तर: (घ) जब सालाना इम्तिहान हुआ तो मैं उसमें पास हो गया और दरजे में प्रथम आया
- ‘सूर्य निकला और प्रकाश हो गया।’ रूपांतरित करने पर वाक्य का सरल रूप होगा-
- (क) जैसे ही सूर्य निकला वैसे ही प्रकाश हो गया
- (ख) सूर्य निकलते ही प्रकाश हो गया
- (ग) जब सूर्य निकलता है, तब प्रकाश होता है
- (घ) सूर्य निकला अतएव प्रकाश हो गया
- उत्तर: (ख) सूर्य निकलते ही प्रकाश हो गया
- ‘सुधा अधिक बोलती है या राधा।’ इस वाक्य का भेद है-
- (क) सरल वाक्य
- (ख) संयुक्त वाक्य
- (ग) मिश्र वाक्य
- (घ) इनमें से कोई नहीं
- उत्तर: (ख) संयुक्त वाक्य
- ‘वह रोज व्यायाम करता है, इसलिए स्वस्थ रहता है।’ वाक्य का सरल वाक्य में रूपांतरण होगा-
- (क) रोज व्यायाम करने से वह स्वस्थ रहता है
- (ख) क्योंकि वह व्यायाम करता है, इसलिए स्वस्थ रहता है
- (ग) रोज व्यायाम करो और स्वस्थ रहो
- (घ) यदि रोज व्यायाम करोगे तो स्वस्थ रहोगे
- उत्तर: (क) रोज व्यायाम करने से वह स्वस्थ रहता है
- ‘जो एक नौकर रख लिया है, वही बनाता खिलाता है।’ वाक्य का संयुक्त वाक्य में रूपांतरण होगा-
- (क) बनाने-खिलाने के लिए एक नौकर रख लिया है
- (ख) एक नौकर रख लिया है और वही बनाता-खिलाता है
- (ग) क्योंकि एक नौकर रख लिया है, वही बनाता-खिलाता है
- (घ) उपर्युक्त में से कोई नही
- उत्तर: (ख) एक नौकर रख लिया है और वही बनाता-खिलाता है
- ‘जब सालाना इम्तिहान हुआ तो मैं उसमें पास हो गया और दरजे में प्रथम आया।’ इस वाक्य का रचना के आधार पर भेद है-
- (क) विधानवाचक वाक्य
- (ख) सरल वाक्य
- (ग) संयुक्त वाक्य
- (घ) मिश्र वाक्य
- उत्तर: (ग) संयुक्त वाक्य
- ‘थोड़ा सा ताँबा मिला होता है इसलिए गिन्नी का सोना ज्यादा चमकता है।’ इस वाक्य का रचना के आधार पर भेद है-
- (क) संयुक्त वाक्य
- (ख) मिश्रित वाक्य
- (ग) दीर्घ वाक्य
- (घ) साधारण वाक्य
- उत्तर: (क) संयुक्त वाक्य
- ‘बात करने में सब एक-से-एक बढ़कर हैं, लेकिन सही बात कोई नहीं बताता।’ इस वाक्य का रचना के आधार पर भेद है-
- (क) मिश्र वाक्य
- (ख) सरल वाक्य
- (ग) संयुक्त वाक्य
- (घ) प्रधान वाक्य
- उत्तर: (ग) संयुक्त वाक्य
- ‘मैं वहाँ गया। मैं लिखने बैठ गया।’ इस वाक्य का सरल वाक्य में रूपांतरण होगा-
- (क) मैं वहाँ गया और लिखने बैठ गया
- (ख) मैं वहाँ जाकर लिखने बैठ गया
- (ग) जैसे ही मैं वहाँ गया, लिखने बैठ गया
- (घ) जब मैं वहाँ गया तो लिखने बैठ गया
- उत्तर: (ख) मैं वहाँ जाकर लिखने बैठ गया
- ‘एक जमाना था कि लोग आठवाँ दरवाजा पास करके नायब तहसीलदार हो जाते थे।’ रचना के आधार पर वाक्य है-
- (क) सरल वाक्य
- (ख) संयुक्त वाक्य
- (ग) मिश्र वाक्य
- (घ) सामान्य वाक्य
- उत्तर: (ग) मिश्र वाक्य