प्रत्यय
उपसगों की तरह ‘प्रत्यय’ भी भाषा की लघुतम अर्थवान इकाइयाँ हैं, जो शब्द के अंत में लगकर नए-नए शब्द बनाते हैं। उपसगों की तरह इनका भी अपना अर्थ होता है और इनका प्रयोग भी शब्दों की भाँति स्वतंत्र रूप से नहीं किया जा सकता। निम्नलिखित उदाहरण देखिए-
मूल शब्द + प्रत्यय = नया शब्द
सुंदर + ता = सुंदरता
ईमान + दार = ईमानदार
मनुष्य + त्व = मनुष्यत्व
राष्ट्र + ईय = राष्ट्रीय
प्यास + आ = प्यासा
सुख + ई = सुखी
प्रत्यय के प्रकार
प्रत्यय के भेद दो आधारों पर किए जा सकते हैं-
1. एक संस्कृत परंपरा के आधार पर
2. प्रकार्य के आधार पर।
संस्कृत में दो तरह के प्रत्यय मिलते हैं।
1. कुछ प्रत्यय क्रिया शब्दों में लगकर संज्ञा और विशेषण शब्द बनाते थे। ऐसे प्रत्ययों को कृत् प्रत्यय कहा जाता था।
2. कुछ प्रत्यय क्रिया के अलावा अन्य शब्दों, जैसे- संज्ञा विशेषण अव्यय आदि में लगकर संज्ञा विशेषण आदि बनाते हैं। ऐसे प्रत्ययों को तद्धित प्रत्यय कहा जाता था।
ऐसे प्रत्ययों को तद्धित प्रत्यय कहा जाता है। संस्कृत परंपरा के आधार पर हिंदी के प्रत्ययों को भी हम दो वर्गों में बाँट सकते हैं- कृत् प्रत्यय तथा तद्धित प्रत्यय।
इन दोनों वर्गों में संस्कृत से आए ‘तत्सम’ ‘तद्भव’ तथा ‘अरबी-फ़ारसी’ आदि अन्य भाषाओं से आए ‘आगत या विदेशी’ तीनों ही प्रकार के प्रत्यय आ जाते हैं, जैसे-
कृत् प्रत्यय-
-
तत्सम् प्रत्यय उदाहरण – अक – नर्तक
-
तद्भव प्रत्यय उदाहरण – ना – ओढना
-
अरबी-फ़ारसी प्रत्यय उदा० – दार – देनदार
तद्धित प्रत्यय-
-
तत्सम् प्रत्यय उदाहरण – त्व – देवत्व
-
तद्भव प्रत्यय उदाहरण – ई – खेती
-
अरबी-फ़ारसी प्रत्यय उदा० – ख़ोर – रिश्वतख़ोर
जहाँ तक एक प्रत्यय के प्रकार्य का प्रश्न है आप देखेंगे कि कुछ प्रत्यय लिंग परिवर्तन का कार्य करते हैं कुछ संज्ञा से विशेषण, विशेषण से संज्ञा आदि बनाने का कार्य करते हैं। इसके अलावा कुछ प्रत्ययों से संज्ञाओं के व्यवसाय, स्थान आदि का पता चलता है। इन्हीं विभिन्न प्रकार्यों के आधार पर प्रत्ययों के अलग-अलग भेद हो जाते हैं।
1- संस्कृत परंपरा के आधार पर प्रत्यय-भेद
(i) कृत् प्रत्यय या क्रिया रूपों में लगनेवाले प्रत्यय-
वे प्रत्यय जो क्रिया के मूल रूप के साथ जुड़कर संज्ञा विशेषण आदि नए शब्दों की रचना करते हैं ‘कृत् प्रत्यय’ कहलाते हैं। क्रिया रूपों के साथ कृत् प्रत्यय निम्नलिखित स्थितियों में प्रयुक्त हो सकते हैं-
(क) क्रिया का कर्ता या करने वाला- ये प्रत्यय क्रिया शब्दों में लगते हैं तथा कर्ता या क्रिया को करने वाली संज्ञा की रचना करते हैं; जैसे-
प्रत्यय उदाहरण
-
अक पाठक, गायक, लेखक, नायक, धावक
-
उक भिक्षुक, भावुक
-
ता दाता, कर्ता, नेता
-
अक्कड़ पियक्कड़, भुलक्कड़, घुमक्कड़
-
आऊ कमाऊ, खाऊ, उड़ाऊ
-
हार होनहार, खेवनहार, सेवनहार
-
ऐया/वैया गवैया, खिवैया
(ख) क्रिया का कर्म – ये प्रत्यय भी क्रिया के मूल रूप (धातु) में लगते हैं तथा क्रिया के ‘कर्म’ की रचना करते हैं; जैसे-
प्रत्यय उदाहरण
-
ना खाना, गाना, रोना
-
नी चटनी, बेलनी, सूँघनी, फूंकनी (सभी वस्तुएँ)
-
औना खिलौना, बिछौना
(ग) क्रिया का परिणाम – ये प्रत्यय भाववाचक संज्ञा बनाने का कार्य करते हैं; जैसे-
प्रत्यय उदाहरण
-
आई पढ़ाई, लिखाई, बुनाई, सिलाई
-
आन मिलान, उठान
-
आवट मिलावट, सजावट
-
ई बोली, हँसी
-
अन चलन, गमन, मिलन
(घ) क्रिया करने का साधन- ये प्रत्यय क्रिया के मूल रूप (धातु) में जुड़कर क्रिया को संपन्न करने के साधन का बांध कराते हैं, जैसे-
प्रत्यय उदाहरण
-
आ ठेला, झूला
-
नी चलनी, फूंकनी
-
ई फाँसी, रेती
-
ना बेलना, बँकना, पिटना (सभी वस्तुएँ)
(ङ) क्रिया करने के योग्य होना- ये कृत् प्रत्यय धातुओं में जुड़कर क्रियावाचक विशेषण तथा संज्ञा आदि शब्दों की रचना करते हैं; जैसे-
प्रत्यय उदाहरण
-
अनीय कथनीय, करणीय, पठनीय
-
य गेय, प्रेय, देय
-
व्य गंतव्य, कर्तव्य, श्रव्य
(ii) तद्धित प्रत्यय या अन्य शब्दों में लगने वाले प्रत्यय-
ये प्रत्यय क्रिया के अलावा अन्य शब्दों; जैसे संज्ञा विशेषण, अव्यय आदि में लगते हैं और प्रायः संज्ञा/विशेषण आदि बनाते हैं; जैसे-
(क) संज्ञा से संज्ञा- ये प्रत्यय ‘संज्ञा’ शब्दों में लगकर ‘संज्ञा’ शब्दों की ही रचना करते हैं; जैसे-
प्रत्यय उदाहरण
-
इया डिबिया, खटिया बिटिया
-
ई चोरी, खेती, पहाड़ी, रस्सी
-
आर लुहार, सुनार
-
पा बुढ़ापा, मोटापा
-
पन बचपन, लड़कपन
-
ता/त्व मानवता, मनुष्यत्व
-
ड़ा मुखड़ा, दुखड़ा
-
वान धनवान, गाड़ीवान
-
गर जादूगर, बाजीगर
-
दार दुकानदार, जमींदार, किराएदार
-
कार कलाकार, पत्रकार, साहित्यकार
-
हारा लकड़हारा, पालनहारा
(ख) विशेषण से संज्ञा- ये प्रत्यय ‘विशेषण’ शब्दों में लगकर ‘संज्ञा’ शब्द बनाते हैं; जैसे-
प्रत्यय उदाहरण
-
ता सुंदरता, योग्यता महत्ता, लघुता
-
ई गरीबी, रईसी, अमीरी बीमारी
-
आस मिठास, खटास
-
आई अच्छाई, बुराई, मिठाई
-
आहट कड़वाहट, चिकनाहट
(ग) संज्ञा से विशेषण- ये प्रत्यय ‘संज्ञा’ शब्दों से जुड़कर ‘विशेषण’ शब्दों की रचना करते हैं; जैसे-
प्रत्यय उदाहरण
-
आ भूखा, प्यासा, ठंडा
-
ईला जहरीला, शर्मीला, बर्फीला
-
ई बंगाली, जापानी, गुलाबी, ऊनी
-
ईन रंगीन, नमकीन, शौकीन
-
आना सालाना, रोजाना मर्दाना
-
एरा चचेरा, ममेरा, फुफेरा
-
इक धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक
-
एलू घरेलू
(घ) क्रियाविशेषण से विशेषण- ये प्रत्यय ‘क्रियाविशेषण’ शब्दों में लगकर ‘विशेषण’ शब्दों की रचना करते हैं, जैसे-
प्रत्यय उदाहरण
-
ला अगला, पिछला, मंझला, निचला
2. प्रकार्य के आधार पर प्रत्यय-भेद
प्रत्ययों का वर्गीकरण इस आधार पर भी किया जाता है कि उनका प्रकार्य (Function) क्या है? प्रकार्य के आधार पर प्रत्ययों के निम्नलिखित भेद हो सकते हैं-
(i) लिंग परिवर्तक प्रत्यय –
इस वर्ग में पुल्लिग से स्त्रीलिंग तथा स्वीलिंग से पुल्लिग बनाने वाले प्रत्यय आते हैं। दोनों के उदाहरण देखिए –
(क) पुल्लिग से स्वीलिंग बनानेवाले प्रत्यय:
प्रत्यय पुल्लिंग स्त्रीलिंग
-
आ बाल बाला
प्रिय प्रिया
सुत सुता
शिष्य शिष्या
-
ई घोड़ा घोड़ी
बेटा बेटी
दास दासी
देव देवी
-
आनी नौकर नौकरानी
देवर देवरानी
जेठ जेठानी
मेहतर मेहतरानी
-
आइन पंडित पंडिताइन
बाबू बबुआइन
-
इया कुत्ता कुतिया
बंदर बँदरिया
चूहा चुहिया
बूढ़ा बुढ़िया
-
नी मोर मोरनी
चोर चोरनी
ऊँट ऊँटनी
जाट जाटनी
-
इका गायक गायिका
नायक नायिका
(ख) स्त्रीलिंग से पुल्लिंग बनानेवाले प्रत्यय:
प्रत्यय स्त्रीलिंग पुल्लिंग शब्द
-
आ भैंस भैंसा
मौसी मौसा
(ii) संज्ञा से विशेषण बनानेवाले प्रत्यय-
प्रत्यय संज्ञा-शब्द विशेषण
-
ई बसंत / धन बसंती / धनी
-
आ लोभ / बैंगन लोभी / बैंगनी
भूख / प्यास भूखा / प्यासा
-
लु कृपा / दया कृपालु / दयालु
-
ऊ बाजार / गँवार बाजारू / गँवारू
-
मान बुद्धि / श्री बुद्धिमान / श्रीमान
-
वान गुण / धन गुणवान / धनवान
-
आवना डर/लोभ डरावना / लुभावना
(iii) भाववाचक संज्ञा बनानेवाले प्रत्यय-
प्रत्यय शब्द भाववाचक संज्ञा
-
आवट मिल/ बन मिलावट / बनावट
-
आस मीठा/ खट्टा मिठास / खटास
-
इमा महा/ लाल महिमा / लालिमा
-
ता मित्र मित्रता
आवश्यक आवश्यकता
-
पन बच्चा/बचपन अपना / अपनापन
-
पा बूढ़ा/ मोटा बुढ़ापा / मोटापा
-
आहट चिकना चिकनाहट
झल्ला झल्लाहट
-
आई भला/ बुरा भलाई / बुराई
(ii) व्यवसायबोधक प्रत्यय-
प्रत्यय शब्द नया-शब्द
-
आर लोहा/सोना लुहार/सुनार
-
वाला चाय/दूध चायवाला /दूधवाला
-
गर सौदा/जादू सौदागर/जादूगर
(v) स्थानबोधक प्रत्यय-
प्रत्यय शब्द नया-शब्द
-
ई पंजाब पंजाबी
बंगाल बंगाली
चीन चीनी
जापान जापानी
-
ईय भारत भारतीय
(vi) स्तरबोधक प्रत्यय- (तर/तम)
-
उच्च उच्चतर उच्चतम
-
श्रेष्ठ श्रेष्ठतर श्रेष्ठतम
-
लघु लघुतर लघुतम
आगत/विदेशी प्रत्यय
प्रत्यय शब्द नया-शब्द
-
आना साल सालाना
मेहनत मेहनताना
रोज रोजाना
-
नाक खतरा खतरनाक
शर्म शर्मनाक
दर्द दर्दनाक
-
ईना माह महीना
शब शबीना
नग नगीना
-
अंदाज तीर तीरंदाज
गोला गोलंदाज
नजर नजरंदाज
-
दार दुकान दुकानदार
मकान मकानदार
ईमान ईमानदार
-
दान पान पानदान
पीक पीकदान
कलम कलमदान
-
बाज धोखा धोखेबाज
पतंग पतंगबाज
चाल चालबाज
-
मंद अक्ल अक्लमंद
दौलत दौलतमंद
जरूरत जरूरतमंद
उपसर्ग एवं प्रत्यय दोनों का एक साथ प्रयोग-
उपसर्ग मूल-शब्द प्रत्यय नया शब्द
-
उप कार अक उपकारक
-
अन उदार ता अनुदारता
-
बे कार ई बेकारी
-
बद चलन ई बदचलनी
-
बे चैन ई बेचैनी
-
निस् चिंता ता निश्चितता
-
अभि मान इत अभिमानी
-
अप मान इत अपमानित
-
नि लंब इत निलंबित
-
सु लभ ता सुलभता
-
निर् दया ई निर्दयी
-
परि पूर्ण ता परिपूर्णता
दो प्रत्ययों का एक साथ प्रयोग
मूलशब्द प्रत्यय प्रत्यय नया शब्द
-
राष्ट्र ईय ता राष्ट्रीयता
-
मानव ईय ता मानवीयता
-
ईमान दार ई ईमानदारी
-
खरीद दार ई खरीददारी
पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक में प्रयुक्त प्रत्यय शब्द
क्षितिज-1 (पाठ्यपुस्तक) गद्य खंड
पाठ-1 (दो बैलों की कथा)
प्रत्यययुक्त शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
सीधापन सीधा + पन
-
सहिष्णुता सहिष्णु + ता
-
लड़ाई लड़ + आई
-
श्रेष्ठता श्रेष्ठ + ता
-
ससुराल ससुर + आल
-
रस्सी रस्सा + ई
-
चिकनाहट चिकना + आहट
-
पकड़ाई पकड़ + आई
-
आत्मीयता आत्मा + इयता
-
मालकिन मालिक + इन
-
आजादी आजाद + ई
-
सांकेतिक संकेत + इक
-
दढ़ियल दाढ़ी + इयल
पाठ-2 ल्हासा की ओर
प्रत्यययुक्त शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
व्यापारिक व्यापार + इक
-
फ़ौजी फ़ौज + ई
-
दूधवाली दूध + वाली
-
चढ़ाई चढ़ + आई
-
सफ़ेदी सफ़ेद + ई
-
थकावट थक + आवट
-
देवता देव + ता
-
जागीरदार जागीर + दार
पाठ-3 उपभोक्तावाद की संस्कृति
प्रत्यययुक्त शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
विलासिता विलास + इता
-
चमकीला चमक + ईला
-
सच्चाई सच्चा + आई
-
ललचाई लालच + आई
-
आधुनिकता आधुनिक + ता
-
तात्कालिक तत्काल + इक
पाठ-4 साँवले सपनों की याद
प्रत्यययुक्त शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
अंतहीन अंत + हीन
-
समर्पित समर्पण + इत
-
रेगिस्तानी रेगिस्तान + ई
-
बरफ़ीली बरफ़ + ईला
-
भ्रमणशील भ्रमण + शील
-
परिचित परिचय + इत
पाठ-5 नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गया
प्रत्यययुक्त शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
क्रूरता क्रूर + ता
-
करुणापूर्ण करुणा + पूर्ण
-
अंतिम अंत + इम
-
महाराष्ट्रीय महाराष्ट्र + ईय
पाठ-6 प्रेमचंद के फटे जूते
प्रत्यययुक्त शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
साहित्यिक साहित्य + इक
-
बेपरवाही बेपरवाह + ई
-
आनुपातिक अनुपात + इक
-
सुरक्षित सुरक्षा + इत
-
घृणित घृणा + इत
पाठ-7 मेरे बचपन के दिन
प्रत्यययुक्त शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
प्रतिष्ठित प्रतिष्ठा + इत
-
मित्रता मित्र + ता
-
नक्काशीदार नक्काशी + दार
-
सांप्रदायिकता संप्रदाय + इक + ता
पाठ-8 एक कुत्ता और एक मैना
प्रत्यययुक्त शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
चक्करदार चक्कर + दार
-
सीढियाँ सीढ़ी + इया + आँ
-
पुस्तकीय पुस्तक + ईय
-
व्याकुलता व्याकुल + ता
-
वैज्ञानिक विज्ञान + इक
-
मुखरित मुखर + इत
काव्य खंड
पाठ-9 साखियाँ एवं सबद
प्रत्यययुक्त शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
विधिवत् विधि + वत्
-
प्रेमी प्रेम + ई
-
जनमिया जनम + इया
पाठ-10 वाख
प्रत्यययुक्त शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
अहंकारी अहंकार + ई
-
उत्तराई उतर + आई
पाठ-11 सवैये
प्रत्यययुक्त शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
सिद्धि सिद्ध + इ
-
आँखिन आँख + इन
-
अधरा अधर + आ
-
मुसकानि मुसकान + इ
पाठ-12 कैदी और कोकिला
प्रत्यययुक्त शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
संदेशा संदेश + आ
-
कालिमामयी काला + इमा + मय + ई
-
ज्वालाएँ ज्वाला + एँ
-
रुलानेवाली रुलाना + वाली
-
चमकीले चमक + ईले
पाठ-13 ग्राम श्री
प्रत्यययुक्त शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
रोमाचित रोमांच + इत
-
किकणियाँ किकिणी + याँ
-
नीली नीला + ई
-
मुकुलित मुकुल + इत
-
अंकित अंक + इत
पाठ-14 चंद्र गहना से लौटती बेर
प्रत्यययुक्त शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
गुलाबी गुलाब + ई
-
व्यापारिक व्यापार + इक
-
उपजाऊ उपज + आऊ
-
लहरियाँ लहर + इयाँ
पाठ-15 मेघ आए
प्रत्यययुक्त शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
अकुलाई आकुल + आई
-
गहराई गहरा + ई
पाठ-16 यमराज की दिशा
प्रत्यययुक्त शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
बुद्धिमानी बुद्धि + मान + ई
-
समझाइश समझ + आइश
पाठ-17 बच्चे काम पर जा रहे हैं
प्रत्यययुक्त शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
ढँकी ढँक + ई
-
लिखता लिख + ता
कृतिका-1 (पूरक पाठ्यपुस्तक)
पाठ-1 इस जल प्रलय में
शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
पीड़ित पीड़ा + इत
-
परती परत + ई
-
अंकित अंक + इत
-
रिक्शावाला रिक्शा + वाला
-
जमींदार जमीन + दार
-
सामूहिक समूह + इक
-
अतिथिशाला अतिथि + शाला
पाठ-2 मेरे संग की औरतें
शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
विलायती विलायत + ई
-
मुँहजोर मुँह + जोर
-
फरमाबरदार फ़रमाबर + दार
-
पारंपरिक परंपरा + इक
-
ससुरालवाले ससुराल + वाले
-
ईमानदारी ईमान + दार + ई
-
निष्पक्षता निष्पक्ष + ता
-
ममतालू ममता + आलू
-
भारतीय भारत + ईय
-
कन्यादान कन्या + दान
-
रोमांचक रोमांच + अक
-
नारीवाद नारी + वाद
-
जिद्दीपन जिद्दी + पन
पाठ-3 रीढ़ की हड्डी
शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
मालकिन मालिक + इन
-
पूजावाली पूजा + वाली
-
बेवकूफी बेवकूफ़ + ई
-
चतुराई चतुर + आई
-
तल्लीनता तल्लीन + ता
-
खरीददार खरीद + दार
-
कायरता कायर + ता
-
नौकरानी नौकर + आनी
-
रूलासापन रूलासा + पन
पाठ-4 माटी वाली
शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
शहरवासी शहर + वासी
-
रोटियाँ रोटी + याँ
-
किराएदार किराया + दार
-
भाग्यवान भाग्य + वान
-
गोलाई गोल + आई
-
ठकुराइन ठाकुर + आइन
पाठ-5 किस तरह आखिरकार मैं हिंदी में आया
शब्द मूल शब्द + प्रत्यय
-
रोजाना रोज + आना
-
अकेलापन अकेला + पन
-
कृतज्ञता कृतज्ञ + ता
-
स्वाभाविक स्वभाव + इक
-
सांप्रदायिक संप्रदाय + इक
-
सुरक्षित सुरक्षा + इत
-
वस्तुतः वस्तु + तः
• संस्कृत परंपरा के आधार पर प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं- कृत् प्रत्यय तथा तद्धित प्रत्यय।
ध्यान देने योग्य बातें-
• ‘प्रत्यय’ शब्दों के छोटे-छोटे अंश हैं।
• प्रत्यय ‘बद्ध रूप’ हैं क्योंकि ये मूल शब्द से बँधकर ही आते हैं। अतः इनका प्रयोग स्वतंत्र रूप से नहीं किया जा सकता।
• शब्दों की तरह इनका भी कोई न कोई निश्चित अर्थ होता है।
• प्रत्यय शब्द के अंत में जुड़कर नया शब्द बनाते हैं।
• प्रत्ययों का वर्गीकरण दो आधारों पर किया जाता है- (1) संस्कृत परंपरा के आधार पर तथा (2) प्रत्ययों के
• प्रकार्य के आधार पर प्रत्ययों के प्रमुख भेद हैं- लिंग परिवर्तक प्रत्यय विशेषण तथा भाववाचक संज्ञा आदि बनानेवाले प्रत्यय व्यवसायबोधक प्रत्यय स्थानबोधक प्रत्यय स्तरबोधक प्रत्यय।
• हिंदी में अनेक शब्दों की रचना उपसर्ग तथा प्रत्यय दोनों के मेल से भी होती है।
अभ्यास-कार्य
प्रश्न 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उचित उत्तर विकल्पों में से चुनिए।
1. नी’ प्रत्यय से बना शब्द निम्नलिखित में कौन-सा नहीं है? 1
(क) बेलनी
(ख) उठावनी
(ग) सूँघनी
(घ) फूंकनी
2. ‘एरा’ प्रत्यय से बना शब्द निम्नलिखित में से कौन सा है?
(क) ममेरा
(ख) फुफेरा
(ग) चचेरा
(घ) इनमें सभी
3. ‘कृत्’ तथा ‘तद्धित’ दोनों वर्गों में आते हैं-
(क) तत्सम प्रत्यय
(ख) तद्भव प्रत्यय
(ग) अरबी-फारसी प्रत्यय
(घ) इनमें सभी
4. ‘बबुआइन’ में प्रयुक्त प्रत्यय है-
(क) इन
(ख) आइन
(ग) (क) तथा (ख) दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं
5. निम्नलिखित में से कौन-सा आगत प्रत्यय नहीं है?
(क) ईना
(ख) बाज़
(ग) आस
(घ) मंद
6. ‘पौराणिक’ में मूल शब्द क्या है?
(क) पौरा
(ख) पौराण
(ग) पुराण
(घ) इनमें से कोई नहीं
7. निम्नलिखित में से कौन भाववाचक संज्ञा बनाने वाला प्रत्यय नहीं है?
(क) आस
(ख) पन
(ग) वान
(घ) ता
8. मूल शब्दों के साथ कितने प्रत्ययों का प्रयोग किया जाता है?
(क) एक
(ख) दो
(ग) आवश्यकतानुसार एक या दो
(घ) इनमें से कोई नही
9. ‘भारतीयता’ में प्रयुक्त प्रत्यय है-
(क) ईय
(ख) ता
(ग) (क) तथा (ख) दोनों
(घ) इनमें से कोई नही
10. ‘प्यासा’ में प्रयुक्त प्रत्यय है-
(क) सा
(ख) आ
(ग) (क) तथा (ख) दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं
11. प्रत्यय का प्रयोग किया जाता है-
(क) शब्द के प्रारंभ में
(ख) शब्द के मध्य में
(ग) शब्द के अंत में
(घ) इनमें सभी
12. प्रत्यय का भेद किन दो आधारों पर किया जाता है?
(क) संस्कृत परंपरा के आधार पर
(ख) प्रकार्य के आधार पर
(ग) (क) और (ख) दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं
13. ‘सजावट’ में प्रयुक्त प्रत्यय है-
(क) वट
(ख) जावट
(ग) अवट
(घ) आवट
14. निम्नलिखित में से किस शब्द में आगत प्रत्यय का प्रयोग नहीं किया गया है?
(क) बसंती
(ख) सालाना
(ग) दुकानदार
(घ) दौलतमंद
15. क्रिया के मूल रूप के साथ जुड़कर संज्ञा विशेषण आदि नए शब्दों की रचना करने वाले प्रत्यय को क्या कहा जाता है?
(क) कृत् प्रत्यय
(ख) तद्धित प्रत्यय
(ग) लिंग परिवर्तक प्रत्यय
(घ) इनमें सभी
16. निम्नलिखित किस शब्द में उपसर्ग एवं प्रत्यय दोनों का प्रयोग हुआ है?
(क) लोभी
(ख) मित्रता
(ग) बेकारी
(घ) बचपन
17. निम्नलिखित किस शब्द में कृत् प्रत्यय का प्रयोग सही किया गया है?
(क) पाठक
(ख) भिक्षुक
(ग) सफ़ाई
(घ) सुंदरता
18. निम्नलिखित किस शब्द में एक साथ दो प्रत्ययों का प्रयोग हुआ है?
(क) बुद्धिमान
(ख) चिकनाहट
(ग) राष्ट्रीयता
(घ) चायवाला
19. स्तरबोधक प्रत्यय का उदाहरण है-
(क) चलना
(ख) श्रेष्ठतम
(ग) मानवीयता
(घ) गुणवान
20. ‘श्रृंगार’ शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय है-
(क) र
(ख) गार
(ग) आर
(घ) गर
21. ‘प्रेमिका’ शब्द में मूल शब्द है-
(क) प्रेमी
(ख) प्रेम
(ग) (क) एवं (ख) दोनों
(घ) इनमें से कोई नहीं
22. ‘भौतिकी’ में कौन-सा प्रत्यय है?
(क) इकी
(ख) इक
(क) ई
(ग) इयाँ
23. ‘संपादक’ शब्द में मूल शब्द है-
(क) संपादन
(ख) पादक
(ग) संपाद
(घ) इनमें से कोई नहीं
24. ‘जूतियाँ’ शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय है-
(क) याँ
(ख) ईयाँ
(ग) इयाँ
(घ) इनमें से कोई नहीं
25. निम्नलिखित में से किस शब्द में भाववाचक संज्ञा बनानेवाला प्रत्यय नहीं है?
(क) सौदागर
(ख) महिमा
(ग) आवश्यकता
(घ) बुढ़ापा
उत्तर- 1. (ख) 2. (घ) 3. (घ) 4. (ख) 5. (ग) 6. (ग) 7. (ग) 8. (ग) 9. (ग) 10. (ख) 11. (ग) 12. (ग) 13. (घ) 14. (क) 15. (क) 16. (ग) 17. (घ) 18. (ग) 19. (ख) 20. (ग) 21. (ख) 22. (ग) 23. (ग) 24. (ग) 25. (क)
2. ‘प्रत्यय’ किसे कहते हैं? उदाहरण देकर समझाइए।
3. अंतर स्पष्ट कीजिए।
(क) उपसर्ग तथा प्रत्यय
(ख) कृत् प्रत्यय तथा तद्धित प्रत्यय
4. सही कथन पर सही (✔) का निशान तथा गलत कथन पर गलत (✖) का निशान लगाइए।
1. शब्द-रचना में प्रत्ययों की बड़ी उपयोगिता है। ( )
2. प्रत्यय शब्द के आरंभ में लग सकते हैं। ( )
3. प्रत्ययों का अपना अर्थ होता है। ( )
4. प्रकार्य की दृष्टि से सभी प्रत्यय एक ही तरह के होते हैं। ( )
5. क्रिया शब्दों में लगनेवाले प्रत्यय तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं। ( )
5. निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय छाँटकर अलग कीजिए।
1. धार्मिक –
2. भवानी –
3. भलाई –
4. करणीय –
5. बेईमानी –
6. खटिया –
7. होनहार –
8. बर्फीला –
9. झगड़ालू –
10. रोजाना –
11. प्रेमी –
12. नायिका –
13. हँसी –
14. नमकीन –
15. मधुरतम –
6. उपयुक्त प्रत्यय छाँटकर निम्नलिखित शब्दों से नए शब्दों की रचना कीजिए।
ता, आइन, आ. इया आस आहट, आकू ऊ इका, तर आनी आस, दार, आर ईय
शब्द नए शब्द
1. गंवार –
2. खट्टा –
3. प्रभु –
4. लाला –
5. भैंस –
6. गायक –
7. डिब्बा –
8. घबराना –
9. लड़ –
10. उच्च –
11. सोना-
12. देवर –
13. मीठा –
14. दुकान –
15. कथन –
7. निम्नलिखित शब्दों में से ‘कृत्’ तथा ‘तद्धित’ प्रत्यय वाले शब्द अलग कीजिए।
नेता, डिबिया, खाऊ, चटनी, जादूगर, घरेलू, लिखाई, बेलना अमीरी सालाना लघुतम, मरियल, अड़ियल, घबराहट, भिक्षुक, कर्तव्य
कृत् प्रत्यय तद्धित प्रत्यय
…………. …………….
…………. …………….
…………. …………….
…………. …………….
…………. …………….
…………. …………….
8. दिए गए प्रत्ययों से दो-दो शब्द बनाइए।
प्रत्यय शब्द शब्द
1. अक्कड़ ………………. ………………..
2. आन ………………. ………………..
3. आर ………………. ………………..
4. गर ………………. ………………..
5. वाला ………………. ………………..
6. ई ………………. ………………..
7. ईला ………………. ………………..
8. आना ………………. ………………..
9. आहर ………………. ………………..
10. इया ………………. ………………..
11. अक ………………. ………………..
12. हार ………………. ………………..
13. आवट ………………. ………………..
14. अनीय ………………. ………………..
15. वान ………………. ………………..
16. ता ………………. ………………..
17. इक ………………. ………………..
18. पा ………………. ………………..
19. आई ………………. ………………..
20. इयल ………………. ………………..
21. एता ………………. ………………..
22. क ………………. ………………..
23. ना ………………. ………………..
24. कार ………………. ………………..
25. एरा ………………. ………………..
26. दान ………………. ………………..
27. मंद ………………. ………………..
28. नाक ………………. ………………..
29. बाज ………………. ………………..
30. मान ………………. ………………..
9. दिए गए शब्दों से मूल शब्द अलग कीजिए।
शब्द मूल शब्द
1. पाठक ………
2. भिक्षुक ………
3. खाऊ ………
4. तैराक ………
5. गरीबी ………
6. बंगाली ………
7. ऐतिहासिक ………
8. चचेरा ………
9. सुहार ………
10. मोटापा ………
11. लकड़ियाँ ………
12. ललाइन ………
13. ढकना ………
14. अड़ियल ………
15. कचनीय ………
16. अमरत्व ………
17. खिवैया ………
18. सालाना ………
19. मानवता ………
20. फुफेरा ………
10. निम्नलिखित शब्दों में से उपसर्ग, मूल शब्द तथा प्रत्यय अलग कीजिए।
उपसर्ग मूल शब्द प्रत्यय
1. परिपूर्णता ……. ……. ……..
2. बेकारी ……. ……. ……..
3. बददिमागी ……. ……. ……..
4. प्रतिकूलता ……. ……. ……..
5. निश्चितता ……. ……. ……..
6. निर्दयी ……. ……. ……..
7. स्वदेशी ……. ……. ……..
8. अभिमानी ……. ……. ……..
9. अनुदारता ……. ……. ……..
10. असफलता ……. ……. ……..